IPO kya hai 2025

IPO kya hai 2025?

IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर नाम आपने बहुत सुना होगा। हो सकता है आपके जानने वाले या दोस्तों में बहुत से लोग आईपीओ में पैसा इन्वेस्ट करके प्रॉफिट कर रहा है IPO एक बिडिंग स्ट्रेटजी होती है | जिसमें कंपनी बैंक या किसी और से पैसा ना लेकर के, पब्लिक से पैसा लेना चाहती है, और उसे, पैसे के बदले ,जब कंपनी को प्रॉफिट होता है, तो वह उन्हें डिविडेंड के तौर पर देती है |
जब कोई कंपनी अपना आईपीओ लाती है तो बहुत से लोग अपने Apps या थर्ड पार्टी प्लेटफार्म के माध्यम से जैसे  एंजेल जीरोधा आदि इसमें बिडिंग या इन्वेस्टमेंट करते हैं और इसके लेट्स पर बेड करते जब आईपीओ की डेट आती है तो एक रेंडम लॉटरी की हेल्प से कुछ किस्मत वाले लोगों को ही आईपीओ मिलता है और जब किसी को आईपीओ मिल जाता है यानी share मिल जाता है तो अधिक खरीद होने के कारण शेयर का रेट तुरंत कई गुना बढ़ जाता है और जिसने शेयर खरीदा है वह चाहे तो उसे तुरंत बेच करके प्रॉफिट बुक कर सकता है और चाहे तो उसे लंबे समय के लिए या जब तक मनचाहे रख सकता है
और बाकी लोग जो किसी कंपनी के आईपीओ लॉन्च होने से पहले ही पैसा इन्वेस्ट किया होते हैं और जिन्हें आईपीओ कि लोट (शेयर) नहीं मिल पाता कंपनी उनके पैसे को वापस से उनके खाते में रिटर्न कर देती है
IPO kya hai 2025
IPO kya hai 2025
तो आईए जानते हैं क्या है IPO और क्या हमें इसमें पैसा लगाना चाहिए……
इसको समझने के लिए मैं मैं आपको थोड़ा इसके बैकग्राउंड में ले चलता हूं की किस तरह से कंपनी इंडिया में काम करती हैं,  मान लीजिए आप एक इंडिविजुअल हैं और अपना कुछ काम शुरू करना चाहते हैं। अपने दुकान डालना चाहते हैं, छोटा मोटा बिजनेस करना चाहते हैं तो नॉर्मली सबसे पहले आप अपने नाम पर शुरू कर लेते हैं, जिसे हम बोलते हैं। प्रोप्राइटरशिप जो एक पर्सन पर बेस्ड होता है। फिर उसके नेक्स्ट स्टेप आती है कि मान लीजिए आप आपके दोस्त के साथ मिलकर या अपने फैमिली मेंबर के साथ मिलकर कुछ पार्टनरशिप बनाते हैं कि भाई फिफ्टी फिफ्टी परसेंट पार्टनरशिप या तू थोड़ा पैसा डाल मैं काम करूंगा तेरे को 25 परसेंट, मेरे को 75 परसेंट पार्टनरशिप ऐसे जो है वो पार्टनरशिप फर्म बनती है और उसके बाद फिर एक तरह से जो है कंपनी फॉर्मेशन होती है। जब नॉर्मली दो या दो से ज्यादा लोग मिलकर और एक कंपनी फॉर्म करते हैं जिसमें किसका कितना हिस्सा। है उसको शेयर्स की फॉर्म में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है।
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अब यहां पर आप शेयर का कांसेप्ट समझिए। हर कंपनी कुछ शेयर बनाती है जो पहले फिजिकल फॉर्म में होता था आजकल डीमैट फॉर्म में होता है। डीमैट मतलब की ऑनलाइन फॉर्म में होता है। अभी आप बेसिकली ऐसा समझ लीजिए। पहले वो एक्चुअल फिजिकल फॉर्म में सर्टिफिकेट होते थे। शेयर सर्टिफिकेट जो दिए जाते थे। मान लीजिए की तीन दोस्तों ने मिलकर और एक कंपनी बनाई। एक का 25% हिस्सा, दूसरे का 25% हिस्सा और तीसरे का 50% हिस्सा हो सकता है। तीसरे वाले ने जो है पैसा ज्यादा डाला है और कम कम कर रहा है। हो सकता है पहले दो काम कर रहे हैं। पैसा नहीं डाला है। तो इस तरह से कुछ भी कांबिनेशन बनाकर आप एक स्पेसिफिक नंबर ऑफ शेयर 25 परसेंट शेयर, एक को 25 परसेंट, दूसरे को 50 परसेंट, तीसरे को। इस तरह से आप शेयर इशू करते हैं।
ठीक है अब उसमें जब आपको मार्केट से और पैसे की जरूरत पड़ती है तो आप बैंक से भी पैसा उठा सकते हैं। जिसे हम डेट फाइनेंसिंग बोलते हैं या लोन लेना बोलते हैं।
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वेंचर कैपिटलिस्ट उनके पास आप जा सकते हैं उनको अपना प्लान बता कर की मैं यही से करना चाहता हूं। पैसे रेज करना चाहते हैं वहां तक यह कंपनी जो है यह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कहलाती है। यानी कि इसके नंबर ऑफ शेयरहोल्डर्स जो है वह ओपन में बहुत ज्यादा नहीं हो सकते हैं। आप किसी भी आदमी को आते जाते किसी भी आदमी को आप अपने शेयर ऑफर नहीं कर सकते हैं तो यह प्राइवेट लिमिटेड होती है।
फिर इसके बाद जो है, वह सेकंड लेवल आती है।
कंपनी जब कंपनी पब्लिक लिमिटेड हो जाती है, तो पब्लिक लिमिटेड क्या होता है? जब कंपनी आम पब्लिक से पैसा उठा सकती है, जिसे आप नहीं जानते हैं, जो आपके फैमिली मेंबर्स नहीं है, वीसी वगैरह नहीं है। किसी से भी आप पैसा उठा सकते हैं तो वह बन जाती है पब्लिक लिमिटेड कंपनी। जब एक कंपनी जो है पब्लिक लिमिटेड बन जाती है, तब भी वह एक स्पेसिफिक नंबर ऑफ शेयरहोल्डर्स से ज्यादा लोगों को शेयर इश्यू नहीं कर सकती है। प्राइवेट लिमिटेड में वह बहुत कम नंबर होता है। पब्लिक लिमिटेड में वह नंबर ज्यादा होता है, लेकिन उसके बाद भी अगर आम पब्लिक से पैसा उठाना है तो उसके लिए आपको आईपीओ लाना पड़ता है।
IPO kya hai 2025
IPO kya hai 2025
कंपनी और शेयर्स को कौन मैनेज करता है
हमारे भारत में दो एक्सचेंज है। एक बीएसई यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज। एक एनएसई यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज। तो बहुत सारी कंपनीज जो है उनके शेयर की जो खरीद और फरोख्त होती है। जैसे आप सब्जी की खरीद फरोख्त करने मंडी में जाते हैं तो ऐसे आप यह शेयर की खरीद फरोख्त जो है वह पहले फिजिकल फॉर्म में होती थी, आजकल ऑनलाइन होती है। तो जो शेयर की खरीद और फरोख्त होती थी वह जिन एक्सचेंज में होती है वह है हमारे इंडिया में बीएसई और एनएसई, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और एनएसई यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज। तो उनमें जो खरीद फरोख्त होती है, उसमें जब पहली बार आपका शेयर लाया जाता है। पहले इससे पहले बताया कि आपकी आपकी कंपनी पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई। यानी वह पब्लिक से शेयर उठा सकती है। लेकिन वो कहीं भी लिस्ट नहीं है। मतलब किसी मंडी में जाकर उसने जैसे हम सब्जी किसी को भी ऐसे दुकान लगा कर बेच सकते हैं। पर मंडी में जाकर अगर आपको बेचना पड़ता है तो हो सकता है शायद आपको मंडी में रजिस्टर करना पड़ता है। तो इस तरह से जब पहली बार कोई कंपनी इन एक्सचेंज पर बीएसई और एनएसई पर आकर अपनी कंपनी को लिस्ट करती है की भाई मेरी कंपनी अब यहां पर लिस्ट है वो एनएसई भी हो सकता है, बीएसई भी हो सकता है। दोनों एक साथ भी हो सकता है। ज्यादातर बड़ी कंपनियां जो है वो दोनों पर एक साथ आती है। तो जब वो लिस्ट करती है उस समय वो लोगों को ऑप्शन देती है की बहुत सारे जो आम पब्लिक है या बड़े बड़े इन्वेस्टर्स हैं वो सब उसमें पैसा डाल सकते हैं।
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कंपनी अपने आप को स्टॉक एक्सचेंज में क्यों लिस्ट करती है ?
जब कंपनी को पैसे की जरूरत होती है तो पैसा पाने के लिए वह 2 तारीख को का इस्तेमाल कर सकते हैं एक तो बैंक से लोन ले सकती है या अपने किसी जानने वाले से दूसरा ऑप्शन है वह पब्लिक से पैसा रेस कर सकती है और यह पब्लिक से पैसा प्राप्त करने के लिए ही आईपीओ लाया जाता है
जैसे मैंने आपको बताया की पैसा उठाने के दो तरीके हैं एक होता है की आप बैंक वगैरा से लोन लें या उधार लें और उस पर आपको ब्याज देना पड़ता है। दूसरा तरीका होता है की आप कंपनी का कुछ हिस्सा हिस्सा यानी शेयर हिस्सा। हिंदी में शब्द है इंग्लिश में आप उसे शेयर बोलते हैं।
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किसी भी चीज का शेयर। मतलब किसी भी चीज का हिस्सा तो आप कंपनी का कुछ हिस्सा जो है वह लोगों को बेचते हैं और इसमें आपको जो है पैसा मिलता है। तो आप जब आईपीओ में जब कंपनी में पैसा लगाते हैं तो पैसा कंपनी के पास जाता है और उससे कंपनी अपना बिजनेस बढ़ाती है। तो यह जो आईपीओ में आप पैसा लगाते हैं उसमें से हो सकता है कुछ हिस्सा जो कंपनी के एक्जिस्टिंग शेयरहोल्डर्स हैं वह उसमें से एग्जिट ले रहे हो। लेकिन ज्यादातर हिस्सा जो है वह कंपनी में जाता है। कंपनी की ग्रोथ के लिए तो आप कंपनी का कुछ हिस्सा खरीदते हैं। इन टर्म्स ऑफ शेयर्स। अब यह जो बड़ी कंपनी में यह परसेंटेज में देखें तो बहुत छोटा होता है। तो क्योंकि आप एक शेयर दो शेयर इस तरह से आप खरीदते हैं या 50 से 100 शेयर 1000 शेयर भी खरीदते हैं। लेकिन कंपनी जो है वह लाखों करोड़ों शेयर इश्यू करती है। तो किस प्राइस पर आप खरीद रहे हैं और उसके हिसाब से वह महंगा है

आप इस ब्लॉक पर आए हैं तो आप यह भी मालूम होना चाहिए यह किसने बनाया और इस पर दिया गया कंटेंट किसके द्वारा लिखा गया मेरा नाम राशिद आलम (रॉकी)है हूं मैं उत्तर प्रदेश के एक शहर गोरखपुर का रहने वाला हूं और मेरा चैनल स्प्रेडिंग ज्ञान जिस पर 3.79 मिलियन सब्सक्राइबर और मैंने NEET क्लियर करके BDS की पढ़ाई की है और मैं एक डेंटिस्ट हूं मेरे ऑनलाइन काम करने की जर्नी 6 साल पहले की है मैं 6 साल से अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन अर्निंग करने का तरीका सिखा रहा हूं इस ब्लॉक को शुरू करने का उद्देश्य यह है कि लोग पढ़ कर समझ के और आसान तरीके से अपने ऑनलाइन अर्निंग की जर्नी को शुरू कर सके और यदि आपको किसी भी तरीके की दिक्कत आती है तो आप मुझे डायरेक्ट नीचे दिए गए ईमेल पर कांटेक्ट कर सकते हैं और मैं आपको सभी जानकारी उपलब्ध करा दूंगा

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