TRADING क्या है 2025?
जब भी ट्रेडिंग की बात होती है, तो कही न कही शेयर मार्केट का खरीदना और बेचना ध्यान में आता है| और कही जब आप पढ़ते है,कि इस शेयर ने आज इतनी बढ़त दिखाई और इतनी गिरावट दर्ज हुई| तब आपकी दिलचस्पी बढ़ती है, कि आखिर यह ट्रेडिंग क्या है? (trading kya hai) इस लेख में आपको शेयर मार्केट एक ऐसा प्रश्न है trading kya hai? इसके बारे में जानने को मिलेगा|
TRADING क्या है 2025?
किसी भी वस्तु की खरीद और बिक्री की प्रक्रिया ट्रेडिंग कही जाती है| लेकिन अगर हम स्टॉक को खरीदकर और बेचते है,तो इसे स्टॉक ट्रेडिंग कहा जाता है| जब भी कोई ट्रेडर लाभ कमाने के लिए शेयर की खरीदारी करता है,तो वह कंपनी के शेयर को कम कीमत में खरीदकर ज्यादा दाम में बेचकर लाभ कमाता है|
Example
यदि कोई कंपनी A है, इस कंपनी के एक शेयर की कीमत 50 रुपये है, इसे देखते हुए ट्रेडर लाभ कमाने के लिए इस शेयर को खरीद लेता है| और खरीदने के बाद कुछ दिन तक रुकता है , तो देखता है,कि शेयर के दाम 50 से बढ़कर 55 रुपये हो गए है, तो वह उस share को बेच देता है| यदि ट्रेडर ने 1000 शेयर की खरीदारी की थी और वह इस शेयर को बेचता है, तो उसका लाभ ट्रेडर (1000*50) शेयर 50000 रुपये में ख़रीदा था| अब इस शेयर के दाम 55 रुपये (1000*55) हो गए| जो कुल 55000 रुपये होते है, तो ट्रेडर को कुल 5000 का लाभ मिला|
ऊपर दिए गए calculation में दिख रहा है,कि यह ट्रेडर का इतना लाभ है, लेकिन इसके अलावा इसका उल्टा भी हो सकता है| जिससे ट्रेडर को नुकसान भी हो सकता है|

trading कैसे काम करती है?
जब कोई व्यापार होता है,और यापार की स्थिति का सही दिशा में होती है,तो लाभ मिलता है और साथ बाज़ार के अनुसार व्यापार की स्थिति न सही होने पर व्यापार में नुकसान का सामना करना पड़ता है| बाजार में इस तरह से कीमतों में उतार–चढ़ाव चलता रहता है| लेकिन जब भी बाजार की बात होती है, सबसे पहले supply और demand की बात होती है| एक व्यापार में लाभ और हानि supply और demand को ही आधार बनाकर की जाती है|
market में जब भी seller कम हो और purchaser ज्यादा होते है, तब market में उस प्रोडक्ट की demand कम होती है| जिससे कीमत बढ़ जाती है| और इसके अलावा अगर market में seller ज्यादा हो और purchaser कम होते है,तो उस प्रोडक्ट की कीमत कम होती है|
जिससे market में supply भी ज्यादा होती है|
Stock trading के प्रकार
Scalping trading
एक बहुत कम समय में ज्यादा मात्रा में किया गया ट्रेड स्कल्पिंग ट्रेडिंग कहलाता है| इसमें एक स्कल्पिंग ट्रेडर 1मिनट से 5 मिनट के अंदर अपने सौदे को पूरा करता है| इस ट्रेडिंग में ज्यादा पूंजी की आवश्यकता पड़ती है|
Margin Trading
जब ट्रेडर किसी कंपनी शेयर को खरीदने के लिए मार्जिन का प्रयोग करता है, तो उसे मार्जिन ट्रेडर कहते है| जब किसी ट्रेडर के पास पैसे की कमी होती है, तो बहुत से ऐसे ब्रोकर होते है, जो आपके डीमैट अकाउंट में जितने रुपये होते है, उससे कई गुना शेयर खरीदने की अनुमति देते है| मार्जिन ट्रेडर ब्रोकर की इसी सुविधा का लाभ उठाकर फायदा कमाते है|
Auspicious trading
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन 1957 से हुआ थी| और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने इसकी शुरुआत 1992 से शुरुआत की थी| Business Community के आधार पर दीवाली के अवसर पर मुहूर्त ट्रेडिंग शुभ माना जाता है| इसलिए दीवाली के समय शुभ मुहूर्त में मुहूर्त ट्रेडिंग ka ऑप्शन शेयर मार्केट में खुला रहता है| शेयर मार्केट में भारतीय बाजार में दीवाली में लक्ष्मी पूजा के समय एक घंटे के लिए बाजार खुला रहता है, इस दिन शेयर की खरीद फरोत्त शुभ माना जाता है|
Algo trading
जब कोई ट्रेडिंग किसी व्यक्ति द्वारा न होकर कंप्यूटर या algorithm के किसी सॉफ्टवेयर के द्वारा automatic ट्रेडिंग किया जाता है| जिसे algo trading कहा जाता है| इस ट्रेडिंग को ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग भी कहा जाता है|
Delivery Trading
delivery trading को सबसे सुरक्षित माना जाता है| इस तरह की ट्रेडिंग में ट्रेडर कंपनी के शेयर को डीमैट अकाउंट में एक साल तक रखता है, और जब कंपनी के शेयर के दाम बढ़ जाते है, तो उन्हें बेचकर मुनाफा कमा लेता है| इस ट्रेडिंग में ट्रेडर कंपनी के फंडामेंटल और चार्ट की analysis करने के बाद शेयर में पैसा लगता है|
Positional Trading
जब ट्रेडर ख़रीदे गए शेयर को एक माह से अधिक या अधिकतम एक साल तक डीमैट अकाउंट में रखता है,तो इस प्रकार के ट्रेडिंग में ट्रेडर को एक साल के अंदर अपने लाभ/हानि के सौदे का हिसाब करना पड़ता है| जिसे postional trading कहते है|
Swing trading
जब ट्रेडर ख़रीदे गए शेयर को एक दिन से अधिक और एक माह से कम समय में लाभ/हानि बुक कर लेता है| तो इस तरह के ट्रेडिंग को स्विंग ट्रेडर कहते है| स्विंग ट्रेडर शेयर के कीमतों में स्विंग का लाभ उठाते है| स्विंग ट्रेडर हेड एंड शोल्डर पैटर्न,फ्लैग पैटर्न, कप एंड हैंडल पैटर्न और ट्रायंगल पैटर्न का प्रयोग करते है|
Intraday trading
जब ट्रेडर शेयर को एक दिन भी होल्ड कर के नहीं रखता और दिन भर में शेयर के सौदे के लाभ/हानि को बुक कर लेता है, तो इस प्रकार के ट्रेडर को intraday trading कहा जाता है|
Option Trading
ऑप्शन ट्रेडिंग शेयर को बेचने वाले के द्वारा लिखा जाता है| जो एक ऐसा कॉन्ट्रैक्ट होता है, जिसको फ्यूचर के लिए शेयर को खरीदने वाले के साथ तय किया जाता है| इस तरह ट्रेडिंग काफी रिस्की होता है,क्योंकि इसमें कुछ ही समय लाभ या हानि हो जाती है| इसलिए शेयर मार्केट में कभी भी उधार के पैसे या लोन से ट्रेड नहीं करना चाहिए|
Trading से फायदे और नुकसान
यहाँ आपको ट्रेडिंग से जुड़े बहुत सारे फायदे और नुकसान के बारे में बताया गया है| इन्ही फायदे और नुकसान आपको देखकर और समझकर जान सकते है, कि क्या हमें शेयर मार्केट में पैसे को इन्वेस्ट करना है या नहीं|
ट्रेडिंग से क्या फायदे है?
शेयर मार्केट में ट्रेड करने का सही उद्देश्य होता है, कम समय अच्छा return मिल जाए| लेकिन इस investment के साथ रिस्क भी जुड़ा रहता है| तो आप कम एक अच्छा लाभ ट्रेड चाहते है, तो पैसे रिस्क को ध्यान में रखकर चलना है| और तभी trading से लाभ भी मिल सकता है| ऐसे बहुत से लाभ है, जो ट्रेडिंग की तरफ आगे लेके जाते है जैसे–
- ट्रेडिंग से आप कम समय में अच्छा पैस कमा सकते है|
- ट्रेडिंग करने के लिए आपको किसी भी तरह की डिग्री की जरुरत नहीं पड़ती है|
- tarding करने के लिए किसी तरफ से कोई बाध्यता नहीं रहती आप अपने खुद के मालिक होते है|
- आप घर बैठे लैपटॉप और कंप्यूटर की मदद से आसानी से ट्रेडिंग कर सकते है| और दिन का लाखो रूपये कमा सकते है|
- ट्रेडिंग आपका नुकसान सिर्फ उतना ही होता है, जितना आपने कैपिटल लगाया है|
ट्रेडिंग से क्या नुकसान है?
ऐसे बहुत से ट्रेडर है,जो शेयर मार्केट के बारे में बिना पढ़े ही ट्रेडिंग की शुरुआत कर देते है|जिससे उन्हें फायदे के वजह नुकसान हो जाता है| जब भी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करें तो शेयर मार्केट के बारे पूरा जानकारी लेने के बाद भी पैसे को लगाना चाहिए| ऐसे कुछ नुकसान जो ट्रेडर हो सकते है इसके बारे में बताया गया है–
- अगर आप ट्रेडिंग करते समय स्टॉप लोस्स नहीं लगाते है, तो आपकी लगाई गई पूजी कुछ ही समय में ख़त्म हो सकती है|
- आपके पास जितनी पूजी है, उसमे से ट्रेडिंग करना चाहिए|मार्जिन लेकर ट्रेड करने से आपका रिस्क ज्यादा बढ़ जाता है|
Trading और (निवेश)Investing में क्या अंतर है?
- TRADING में Price History को चेक करना पड़ता है| और जब भी इन्वेस्ट करते है, तो कंपनी की Performance को चेक करना पड़ता है|
- TRADING में आपको टेक्निकल एनालिसिस पर फोकस करना पड़ता है,जबकि इन्वेस्टिंग या निवेश में टेक्निकल एनालिसिस के साथ fundamental analysis पर भी फोकस करना पड़ता है|
- ट्रेडिंग से शार्ट टर्म में पैसा कमाया जाता है, बल्कि इन्वेस्टिंग या निवेश से लॉन्ग टर्म में पैसा कमाते है|
- Trading में ब्रोकरेज शुल्क अधिक होता है, बल्कि इन्वेस्टिंग या निवेश में ब्रोकरेज शुल्क कम होता है|
- TRADING में कम समय में अधिक पैसा कमाया जा सकता है,बल्कि इन्वेस्टिंग या निवेश में ज्यादा समय लगता है|
- trading में आपको मार्जिन मिल जाता है, जिससे आप कम पैसे में अधिक ट्रेड कर सकते है,जबकि इन्वेस्टिंग में शेयर की पूरी कीमत देनी पड़ती है| जिसमे अधिक पूँजी की आवश्यकता पड़ती है|
FAQ
ट्रेडिंग क्या है और कैसे करते हैं?
ट्रेडिंग का मतलब है लाभ कमाने के लिए वित्तीय साधनों को खरीदना और बेचना। ये साधन कई तरह की परिसंपत्तियों से बने होते हैं, जिन्हें एक वित्तीय मूल्य दिया जाता है जो ऊपर या नीचे जा सकता है – और आप उनके द्वारा ली जाने वाली दिशा के अनुसार व्यापार कर सकते हैं। आपने स्टॉक, शेयर और फंड के बारे में सुना होगा।
शुरुआती के लिए ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
शुरुआती लोगों के लिए स्टॉक ट्रेडिंग की प्रक्रिया
- डीमैट अकाउंट खोलें …
- स्टॉक टर्मिनोलॉजी को समझें …
- बोलियों के बारे में जानें और पूछें …
- मूल विश्लेषण कौशल विकसित करें …
- स्टॉप लॉस ऑर्डर सेट करना सीखें …
- एक्सपर्ट की सलाह लें …
- सुरक्षित स्टॉक के साथ शुरू करें
ट्रेडिंग के 5 प्रकार कौन से हैं?
ट्रेडिंग के सामान्य प्रकार हैं इंट्राडे, पोजिशनल, स्विंग, लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग, स्केलिंग और मोमेंटम ट्रेडिंग।
पहली बार ट्रेडिंग कैसे करें?
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, आपको ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट बनाना होगा। अगर आप एक ट्रेडर हैं जो स्टॉक मार्केट से परिचित हैं और इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेड करने की कोशिश करना चाहते हैं, तो आप अपने इंट्राडे ट्रेडिंग को अलग रखने के लिए एक नया अकाउंट खोल सकते हैं।
ट्रेडिंग में सीखने वाली पहली चीज क्या है?
ट्रेडिंग सीखने के लिए सबसे पहले आपको निम्न बातें सीखनी चाहिए:
- बाज़ार रणनीति: बाज़ार का प्रवाह, चार्ट पैटर्न आदि सीखें। …
- मनी मैनेजमेंट: निवेश के लिए ट्रेडिंग कैपिटल का मैनेजमेंट सीखें।
- रिस्क मैनेजमेंट: नुकसान सीमित रखने की रणनीति सीखें।
- स्टॉक चयन: निवेश के लायक सही कंपनियों का चयन सीखें।
Conclusion
जब भी आप शेयर बाजार में ट्रेड करते है, तो हमेशा रिस्क को ध्यान में रखकर ही ट्रेडिंग करें| और इस लेख में आपको शेयर मार्केट से जुडी सभी चीजों के बारे में बताया गया है, जिसमे ट्रेडिंग क्या होता है, इसके साथ इसके फायदे और नुकसान क्या है और ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है इसके बारे में अच्छे से बताया गया है|जिसे पढ़कर आप जान सकते है, कि trading क्या होती है और साथ ही ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है|
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