नए साल में एफडी के नियमों में बदलाव: जानें आपके लिए क्या है खास
अब जमाकर्ता ₹10,000 तक की राशि तीन महीने के भीतर बिना ब्याज के निकाल सकते हैं।
₹5 लाख तक या मूल राशि का 50% तक तीन महीने के भीतर बिना ब्याज के निकाला जा सकता है।
गंभीर बीमारी की स्थिति में जमाकर्ता अपनी पूरी राशि निकाल सकते हैं, लेकिन ब्याज का लाभ नहीं मिलेगा।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को अब मैच्योरिटी से दो सप्ताह पहले जमाकर्ताओं को सूचना देना जरूरी होगा।
पब्लिक डिपॉजिट से जुड़े अप्रूवल और रिपेमेंट के नियमों को अधिक पारदर्शी बनाया गया है।
अब एफडी नॉमिनेशन प्रक्रिया को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन जारी की गई है, जिससे उत्तराधिकारियों को आसानी हो।
अचानक जरूरत पड़ने पर एफडी से जुड़ी राशि निकालने के नियमों को और सरल बनाया गया है।
NBFC और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) को जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि और ब्याज दर की जानकारी समय-समय पर देनी होगी।
1 जनवरी 2025 से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और NBFC पर आरबीआई के संशोधित नियम लागू होंगे।
छोटे और बड़े जमाकर्ताओं के लिए ब्याज रहित निकासी को लेकर अलग-अलग प्रावधान लागू किए गए हैं।